'विश्व महासागर दिन' पर फ़िरसे याद आया कन्याकुमारी पर बिताया लम्हा और लिखा..


तीन समंदरों का मिलन हैं वहाँ
तीन-रंगों के हमसफ़र आतें वहाँ
सूर्यास्त-सूर्योदय भी दिखें वहाँ
जीवन सागर की अनुभूति वहाँ

कन्याकुमारी से मुख़ातिब होते जहाँ!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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