'शायर-ए- महफ़िल' से सम्मानित! आदाब/नमस्कार! आपको यह जानकारी देते हुए ख़ुशी होती है कि, हाल ही में मुझे 'अंजुमन' की जानिब से (हिंदी-उर्दू काव्य में उत्कृष्टता के लिए) 'शायर-ए-महफ़िल' ख़िताब से नवाज़ा गया! 'अंजुमन' की चौथी वर्षगांठ पर पुणे में आयोजित समारोह में मान्यवर शायर श्री. असलम हसन जी के हाथों से यह पुरस्कार मुझे दिया गया! इस लिए 'अंजुमन' के अध्यक्ष श्री. महेश बजाज (शायर अंजुम लखनवी) जी का मै शुक्रगुज़ार हूँ! - मनोज कुलकर्णी (मानस रूमानी)
सोचो!!! सबका साथ..उद्योजकों का विकास या साथ दिए जनता का विकास..! पूंजीवादी व्यवस्था या समाजवाद.. मूलतत्ववाद या सर्व धर्म समभाव! दकियानूसी विचारों से पीछेहट... या तकनिकी तरक्की से विकास!! - मनोज 'मानस रूमानी'
Comments
Post a Comment