इश्क़ का अनोख़ा नज़ारा दिखिये..
समंदर हुआ यहाँ नीला आसमाँ से
मिला वो किनारे की पिली रेत से
ग़ुलाबी लहर हुई उनके मिलन से

- मनोज 'मानस रूमानी'

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