फूलों का श्रृंगार!


साज-श्रृंगार करती हैं हसीनाएं..
ख़ूबसूरती निखर आने के लिए!

ज़रा सृष्टि का रुख़ कीजिए..
सजी-खिली ये कलियाँ देखिए! 

कहीं अपनी सनम न भूल जाएं..
कुछ पल इनसे इश्क़ न हो जाएं! 

- मनोज 'मानस रूमानी'

(मेरे पसंदीदा पर्पल कलर के ये कोरियाई फूल देखकर मैंने ये पंक्तियाँ लिखी!)

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