मिज़ाज गोवा का क्या कहें ज़मीन, समंदर से आसमाँ ज़िंदगी का जश्न जहाँ हैं! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज गोवा की ६०वी एनिवर्सरी पर, 'इफ्फी' के दौरान वहां के मीरामर बीच पर बिताई रंगीन शाम याद आयी!)
दीदावर आप ही थे इस गुलिस्ताँ के ख़ूबसूरत भारत का ख़्वाब संजोये! हरतरफ़ अब वीरानी सी छायी है.. ज़िंदगियाँ परेशां हैं बेनूर ख़िज़ाँ में! - मनोज 'मानस रूमानी' हमारे पहले प्रधानमंत्री 'भारतरत्न' पं. जवाहरलाल नेहरूजी को उनके स्मृतिदिन पर मेरी सुमनांजलि! - मनोज कुलकर्णी
शायरी मेरी हैं मजरूहजी को नज़र मेरे सिर पर जिन्होंने रखा था हाथ - मनोज 'मानस रूमानी' मेरे अज़ीज़ शायर-गीतकार मजरूह सुलतानपुरी जी का आज २१वा स्मृतिदिन! बहुत साल पहले मुशायरे में मिलने पर प्यार से उन्होने मेरे सिर पर हाथ रखा था! - मनोज कुलकर्णी
अपने वतन के लिए आपकी शहादत उससे सच्ची मोहब्बत की है सदाकत अवसरवादियों के बिच कठिन घड़ी में आप को याद बहुत करता है हिंदुस्तान - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारत के अज़ीज़ पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव जी गांधी को उनके ३० वे स्मृतिदिन पर यह सुमनांजलि!)
'आँधी में भी हम खिल सकतें हैं..' ख़ूबसूरत फूल समझा रहा है हमें! - मनोज 'मानस रूमानी' [चक्रवात के बाद हमारे बगीचे में खिला सुंदर फूल.. विपरीत परिस्थिति में भी खिलने की प्रेरणा देता है!]
रहे हमेशा उमर ख़ैय्याम की इनायत तो होती ही रहेंगी हमारी रुबाई ख़ास होता रहें यूँ नूऱ-ए-हुस्न भी मेहरबान रहे आबाद इस कलम की 'रूमानी'यत - मनोज 'मानस रूमानी' (ख्यातनाम फ़ारसी 'रुबाइयात'कार उमर ख़ैय्याम जी के जनमदिन पर उन्हें सलाम करतें लिखा है!)
शमा अब भी है रोशन आप के लिए.. जलवें अदाकारी के यूँ दिखाती रहिए! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने लोकप्रिय भारतीय सिनेमा की एक होनहार अदाकारा माधुरी दीक्षित को सालगिरह पर मुबारक़बाद!)
धन्य हैं वो माताएं! अपना जीवन बच्चों पर निछावर करनेवाली माँ! अपने से पहले दूसरों को दूध देनेवाली गोमाता! सभी का पालन-पोषण करनेवाली धरती माता! प्यास बुझाकर, पापों को धोनेवाली गंगा मैया! - मनोज 'मानस रूमानी' (मातृदिन पर लिखा!)
खूबसूरती, प्यार, और पाकीज़गी का क्या कुदरत फिर बनानेवाली हैं जहाँ - मनोज 'मानस रूमानी' (१९वी सदी के मशहूर स्विस चित्रकार फ्रिट्ज़ ज़ुबेर-बुहलर की इस 'बर्थ ऑफ़ वीनस' चित्रनिर्मिति पर यह लिखा!)