फ़िराक़-ए-यार का हैं दर्द शब-ए-फ़ुर्क़त की तनहाई - मनोज 'मानस रूमानी'
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Showing posts from August, 2021
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जय हिंद! अपने आदर्श भारत की बात वो करतें रहे देशभक्ति का जज़्बा हम में यूँ जगातें रहें - मनोज 'मानस रूमानी' (हमारे भारतीय सिनेमा के ज़रिये देशभक्ति को निरंतर उजागर करनेवाले दिग्गज अभिनेता एवं फ़िल्मकार मनोज कुमार जी का मेरे 'चित्रसृष्टी' विशेषांक के लिए इंटरव्यू लेते समय इस तरह प्यार पाया..जो आज के स्वतंत्रता दिन पर याद आता हैं। उन्हें शुभकामनाएं!)
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श्रावण असा-तसा! श्रावणात रंगतो एकीकडे ऊन-पावसाचा खेळ जसा श्रावणसरीं नि ऊन कोवळे असतात रोमांचक काहींना! श्रावणात नसतो दुसरीकडे ऊन-पावसाचा खेळ तसा श्रावणधारा नि ऊन कोरडे झळच उघड्या संसारांना! दृश्य यातले ते इंद्रधनुचे मनमोहक असते काहींना क्षितिजावरी मात्र दुसरीकडे मळभच दाटते सदानकदा! - मनोज 'मानस रुमानी'