मेरी शायरी सोशल नेटवर्क (इंस्टा जैसे) पर किसी की तारीफ़ के लिए इस्तेमाल की देखकर ताज्जुब हुआ! लेकिन साथ में मेरे नाम का ज़िक्र न किया देख कर खेद हुआ।

- मनोज 'मानस रूमानी'

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