सांप्रदायिकता और पाखंड के ख़िलाफ़
तख़्त हिलाती आवाज़ थे आप राहत!


- मनोज 'मानस रूमानी'


(बुलंद शायर राहत इंदौरी जी को प्रथम स्मृतिदिन पर सलाम!)

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