डीमोनेटायझेशन में बेवज़ह पीस गए आम..
नौ दो ग्यारह तो पहले ही हो चुके थे खास.!
अब हो रही है कैशलेस इकॉनमी की बात..
फिरसे मुनाफ़ेदार खास और कैशलेस आम!
नौ दो ग्यारह तो पहले ही हो चुके थे खास.!
अब हो रही है कैशलेस इकॉनमी की बात..
फिरसे मुनाफ़ेदार खास और कैशलेस आम!
- मनोज 'मानस'
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