ईद के वक़्त लिखा.. 

ईद आते ही नज़दीक 
रूमानी हो जाए दिल!
ख्वाहीश ईदी की यह 
कि हो दीदार-ए-हुस्न!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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