रूमानियत भरा था लिखना..
मिज़ाज़ भी हमारा शायराना!
शुक्रगुज़ार हूँ हुस्नवालों का..
कि शायर 'रूमानी' बना दिया!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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