मेरे सबसे अज़ीज़ गायक मोहम्मद रफ़ी जी से सपने में हुई मुलाक़ात पर मैंने यह लिखा..
हसरत हुई पूरी!
एक ख़लिश मन में थी..
काश मिलते अज़ीज रफ़ी
जल्द रुख़सत हुए थे वे
हम मिलने से पहले ही
हसरत उन्होंने पूरी की
हमारी उनसे मिलने की
कल सपने में आए घर..
बैठाया उन्हें जगह ऊँची
बातें कर ली खूब सारी
उनकी आवाज़-गाने की
निकल चुके थे वे तब..
जब मेरी आँखें खुली..
कानों में आवाज़ गूँजी..
"तेरी दुनिया से दूर s
चले हो के मजबूर.."
मेरी आँखें नम हुई!
- मनोज 'मानस रूमानी'
Comments
Post a Comment