आज के श्रीकृष्ण जयंती पर मैंने यह गीत लिखा हैं!
(धार्मिक न होते हुए भी उनकी लुभावनेवाली ख़ासियत से प्रेरित!)
सब के मनभाये ओ बाँसुरीवाले श्याम..
भगवान से ऐसे हुए स्नेह-प्रीत के आप!
भगवान से ऐसे हुए स्नेह-प्रीत के आप!
वसुदेव-देवकी के नन्हे आप
नन्द-यशोदा के हुए लाल
आम में बसना चाहे आप
गोकुल में ऐसे खिले आप
सब के मनभाये ओ बाँसुरीवाले श्याम..
श्वेत को न अपनाये आप
श्याम रंग में खिले आप
भेद न किया राजा-रंक
जात-पात न माने आप
सब के मनभाये ओ बाँसुरीवाले श्याम..
मित्रता की दे दी मिसाल
सुदामा बने आप के खास
रिश्तों के परे गए आप
राधा के जब हुए आप
सब के मनभाये ओ बाँसुरीवाले श्याम..
संगीत से ऐसे जुड़े आप
बांसुरी के जैसे हुए आप
छेड़ गए यूँ मनोरम धुन
प्रीत उस पर खिली ख़ूब
सब के मनभाये ओ बाँसुरीवाले श्याम..
- मनोज 'मानस रूमानी'
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