एषः संस्कृत भाषा देशः
एषः धर्मनिरपेक्ष देशः
मनुष्यता, समानता
स्नेह समन्त!


- मनोज 'मानस रूमानी'

(डीडी संस्कृत वार्ता का वर्धापन वृत्त देखकर मैंने मेरे विचार ऐसे संस्कृत में व्यक्त किएं।)

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