अस्त होकर उदय होते सूरज को आज़माया वही से
जीने की रोशनी हमने पायी आप के समंदर तट से
- मनोज 'मानस रूमानी'
(आज फ़िरसे कन्याकुमारी के पावन स्थल की मेरी यह तस्वीर..क्योँ की आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथी हैं। हांलाकि मैं धार्मिक नहीं,
लेकिन एक तत्ववेत्ता के रूप में वे श्रेठ थे और धर्मनिरपेक्ष भी!)
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