हे मेघ, 
प्रहिणोति प्रियता संदेशः
"त्वं मे प्रियतमा, 
परिचिन्तन नितराम्
लोलुपा..मेलनं करोति
प्रणयाराधनाः!"

- मनोज 'मानस रूमानी'


(आषाढ़ मास शुरू होते ही गगन में दिखतें बादलों से..'मेघों द्वारा प्रेमिका तक अपना विरहाकुल संदेश भेजने की'..महाकवि कालिदास की कल्पना याद आती हैं..'मेघदूतम्! इससे प्रेरित होकर मैंने मेरी प्रेम भावनाएं संस्कृत में व्यक्त करने का यह प्रयास किया हैं!)

Comments

Popular posts from this blog