मुबहम इस राह-ए-इश्क़ पर.. हसीं साथ जरुरी नूऱ की तरह - मनोज 'मानस रूमानी'
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Showing posts from July, 2021
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'दो अंजाने' मिले..छिड़ गया प्यार का 'आलाप' "सलाम-ए-इश्क़.." कहे सिकंदर की हुई जोहरा "तूने मेरा दिल ले लिया.." कहते हुआ इज़हार देखें दोनों ख़्वाब पर रुका प्यार का 'सिलसिला' - मनोज 'मानस रूमानी' [मेगा स्टार अमिताभ बच्चन और 'ख़ूबसूरत' रेखा..अपने भारतीय सिनेमा की मेरी एक पसंदीदा जोड़ी! उनसे मेरी मुलाकातें हुई और उन पर ख़ूब लिखा भी! लगभग ५ सालों में क़रीब १० फ़िल्मों में वे साथ आएं..'सिलसिला' (१९८१) तक, जिसे अब ४० साल पूरे हुएं। इसलिए यह लिखा।]
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कोहिनूर! प्रेमिका का प्यार खोए हुए अंतर्मुख तो कभी उसे पाने के लिए बग़ावत महबूब के ऐसे मुख़्तलिफ़ किरदार बख़ूबी निभातें वे हो गए अज़ीज़! किरदारों में डालतें अपनी जान अदाकारी के वे हो गए आदर्श साथ ही थे वे बेहतरीन इंसान भारतीय सिनेमा के कोहिनूर! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान..दिलीपकुमार साहब को सलाम)
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एक माशूक़ा की याद लिए 'देवदास' हुए तो दूसरे अपनी मोहब्बत में 'प्यासा' रहे ज़माने की ठोकर खाएं ये प्यार के मारें.. आख़री दम तक दर्द-ए-फ़ुर्क़त पीतें गएँ! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के मेरे दो अज़ीज़ लाजवाब अदाकार.. यूसुफ़ ख़ान याने दिलीप कुमार साहब जो हाल ही में गुज़र गए, और गुरुदत्त साहब जिनका आज ९६ वा जनमदिन! उनको याद करतें!!)